Monday 30 October 2017

मजबूत जिनपिंग भारत के लिए कैसे खतरा? एक हफ्ते में ये 3 फैसले दे रहे हैं संकेत

शी जिनपिंग

चीन भारत को घेरने के लिए एक साथ कई योजनाओं पर काम कर रहा है. एक तरफ एक बार फिर चीन के राष्ट्रपति चुने गए शी जिनपिंग कहते हैं कि उनकी आर्मी का फोकस जंग जीतने पर होना चाहिए. वहीं भारत सीमा पर रह रहे तिब्बती बस्ती से कहा कि ‘चीनी भूभाग की रक्षा के लिए जड़ें जमा कर रखें’. यानी चीन न सिर्फ बड़ी चालों से बल्कि भारत के खिलाफ छोटी छोटी चाले चलकर उसे मात देने की कोशिश कर रहा है. ऐसे में चीनी राजनीति में लगातार मजबूत होते शी जिनपिंग चीन को भारत के लिए बड़ा खतरा बना सकते हैं.

वहीं चीन ने ब्रह्मपुत्र को लेकर  नया प्लान तैयार किया है. चीनी इंजीनियरों ने ब्रह्मपुत्र का पानी डायवर्ट करने के लिए 1000 किलो मीटर लंबी टनल बनाने की योजना तैयार की है. इस टनल के जरिए ब्रह्मपुत्र का पानी तिब्बत से जिनजियांग की तरफ मोड़ने की योजना है. इससे न सिर्फ भारत को बल्कि बांग्लादेश पर भी असर पड़ेगा.

हांगकांग के अखबार 'साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट' ने खबर दी है कि इस कदम से 'शिनजियांग के कैलीफोर्निया में तब्दील होने' की उम्मीद है. इस कदम से पर्यावरणविदों में चिंता पैदा हो गई है क्योंकि इसका हिमालयी क्षेत्र पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. जानकारी के मुताबिक इंजीनियरों ने अपना प्लान इसी साल मार्च में चीनी सरकार को सौंपा था, लेकिन अब तक सरकार की तरफ से इसे मंजूरी नहीं मिली है.


भारतीय क्षेत्र पर अपना हक जताने के लिए चरवाहों का प्रयोग चीन कई सालों से करता आ रहा है. अरुणाचल प्रदेश में चरवाहों को भेज चीन उसे अपना इलाका बताता रहा है. वहीं अब चीन ने एक बार फिर इस प्लान की ओर कदम बढ़ाया है. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने तिब्बत के लुंजे काउंटी के एक चरवाहा परिवार को लिखा है, ‘क्षेत्र में शांति के बिना, लाखों परिवारों के लिए जीवन शांतिपूर्ण नहीं होगा.’ यानी चीन का प्लान चरवाहों को अपना नागरिक कहकर मानवाधिकार का हवाला देकर उस सीमा पर दावा करते रहने का है. इस संदेश के साथ चीन ने चरवाहों के एक परिवार से सीमावर्ती क्षेत्र में बस्ती बसाने, चीनी क्षेत्र की सुरक्षा करने और वहां पर बस्ती का विस्तार करने के लिए प्रोत्साहित किया है. लुंजे भारत के अरुणाचल प्रदेश के पास है, जिस पर चीन अपना दावा करता है और इसे दक्षिणी तिब्बत कहता है.

यही नहीं चीन भारत को सेना के बढ़ती ताकतों से भी डराना चाहता है. यही वजह है कि  एक बार फिर चीन के राष्ट्रपति चुने गए शी जिनपिंग ने अपने पहले ही बैठक में सेना पर जोर दिया. इस बैठक के जरिए शी जिनपिंग ने अपनी सेना के साथ दुनियाभर को संदेश भेजा कि वह कितनी तेजी से वर्ल्ड क्लास सैन्य शक्त‍ि‍ बनने की ओर अग्रसर है. शी जिनपिंग ने उस बैठक में कहा था कि हमें इस बात पर जोर देना चाहिए कि 2050 तक हम किस तरह वर्ल्ड क्लास मिलिट्री तैयार कर सकें. दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद शी की ये पहली बैठक थी. बैठक में शी खुद भी मिलिट्री ड्रेस पहन कर आए थे. बैठक में उन्होंने कहा था कि हमें एक ऐसी सेना बनानी चाहिए, जो कि CPC की कमांड सुनें और युद्ध जीतने में सक्षम हो. 

आपको बता दें कि हाल ही में चीन में हुई सम्मेलन में जिनपिंग को राष्ट्रपति चुना गया था. उनके साथ ही 7 लोगों की टीम तैयार की गई, जिनके हाथ में मुख्य तौर पर चीन की सत्ता का दारोमदार रहेगा. CPC सम्मेलन में चुने गये पोलित ब्यूरो के सदस्यों की उम्र से एक बात तो साफ है कि इनमें से कोई नेता शी जिनपिंग का उत्तराधिकारी नहीं बनेगा.

By Aaj Tak

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