जागरण संवाददाता, आगरा: फव्वारा थोक दवा बाजार और मेडिकल स्टोर से नकली दवाओं की बिक्री हो रही है। नकली दवा कारोबार की रोकथाम में विफल औषधि विभाग ने संदिग्ध दवाओं के सैंपल की संख्या भी कम कर दी है। हर महीने पांच से 10 दवाओं के सैंपल लेकर लखनऊ लैब भेजे जा रहे हैं।
दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश से बड़ी संख्या में फव्वारा दवा बाजार में नकली दवाओं की खरीद फरोख्त हो रही है। यहां कई बार अन्य राज्यों की पुलिस छापा मार चुकी है। कई दवा कारोबारी और हॉकर पकड़े जा चुके हैं। ऐसे में स्थानीय स्तर पर औषधि विभाग द्वारा थोक दवा बाजार और मेडिकल स्टोर से संदिग्ध दवाओं के सैंपल लिए जाते हैं। इन्हें जांच के लिए लखनऊ भेजा जाता है। दवाओं के सैंपल की जांच के लिए उत्तर प्रदेश की एकमात्र लैब लखनऊ में है। यहां जांच के लिए बड़ी संख्या में सैंपल पहुंच रहे हैं। इसके चलते रिपोर्ट पांच से छह महीने में आ रही है। औषधि निरीक्षक मुकेश पालीवाल ने बताया कि दवाओं के सैंपल की संख्या कम की गई है, हर महीने पांच से 10 सैंपल भेजे जा रहे हैं। इसमें भी स्थानीय स्तर पर पड़ताल की जा रही है, जिससे नकली दवाओं के सैंपल ही जांच के लिए भेजे जाएं।
लखनऊ से भेजी जाती थी मेडिकल स्टोर की सूची
छह महीने पहले तक लखनऊ से मेडिकल स्टोर और दवाओं की सूची भेजी जाती थी। इन मेडिकल स्टोर के साथ अन्य दुकानों से भी औषधि निरीक्षक दवाओं के सैंपल लेकर भेजते थे। मगर, अब लखनऊ से कोई सूची नहीं भेजी जा रही है। स्थानीय स्तर पर ही औषधि निरीक्षक को संदिग्ध दवाओं के सैंपल लेकर भेजने हैं।
जांच में दवाओं को क्लीन चिट
लखनऊ से मेडिकल स्टोर और संदिग्ध दवाओं की सूची भेजने के बाद औषधि निरीक्षकों द्वारा सैंपल लिए गए। इन्हें जांच के लिए भेजा गया, पिछले एक साल में कोई नकली दवा नहीं पकड़ी गई है।
By Jagran
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