Tuesday 30 January 2018

निर्भया जैसी स्थिति की वजह है शॉर्ट ड्रेस:शिक्षक का भद्दा कमेन्ट

निर्भया जैसी स्थिति की वजह है शॉर्ट ड्रेस:शिक्षक का भद्दा कमेन्ट
छत्तीसगढ़ के रायपुर के एक केंद्रीय विद्यालय की टीचर पर क्लासरूम में लड़कियों को लेकर विवादास्पद बातें करने का आरोप लगा है. आरोप है कि बायोलॉजी की टीचर ने क्लास में कहा- 'लड़कियां लिपस्टिक लगाकर और छोटे कपड़े पहनकर निर्भया जैसी रेप की स्थिति को बुलावा देती है. ऐसा उन्होंने लड़कों की उपस्थिति में क्लासरूम में लड़कियों से कहा. आइए जानते हैं पूरा मामला... (प्रतीकात्मक फोटो)
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, बाद में छात्राओं के पैरेंट्स ने स्कूल के प्रिंसिपल भगवान दास अहिरे से सोमवार को बात की और शिक्षक स्नेहलता शंखवार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. प्रिंसपल ने स्वीकार किया कि छात्रों ने टीचर की बातों को लेकर उन्हें पत्र लिखा है. 9वीं और 11वीं की छात्राओं ने आरोपी टीचर की बातों को सीक्रेट तरीके से रिकॉर्ड (ऑडियो) कर लिया. उन्होंने इसे सबूत के तौर पर शिकायत के साथ पेश किया. (प्रतीकात्मक फोटो)
रिपोर्ट के मुताबिक, शिक्षक ने कथित तौर पर कहा- ''लड़कियां खुद की बॉडी तभी दिखाती हैं जब उनका चेहरा खूबसूरत नहीं होता. लड़कियां बेशर्म हो गई हैं. क्यों निर्भया इतनी रात को घर से बाहर गईं उस लड़के के साथ जो उसका पति नहीं है. ये समझना मुश्किल है कि क्यों इसे इतना मुद्दा बना दिया गया. दूरदराज के इलाकों में रहने वाली लड़कियों के साथ अक्सर ऐसा होता है. निर्भया की मां को उसे बाहर नहीं जाने देना चाहिए था.'' (प्रतीकात्मक फोटो)
केंद्रीय विद्यालय संगठन के अधिकारी ने प्रिंसिपल से पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है. वहीं पैरेंट्स ने प्रिंसिपल को 24 घंटे में कार्रवाई करने का अल्टीमेटम दिया है. आरोप के मुताबिक, टीचर ने यह भी कहा कि जब लड़के किसी लड़की को एक लड़के के साथ ऐसा करते देखते हैं तो उन्हें लगता है कि लड़कियां दूसरे लड़कों के साथ भी ऐसा करेंगी. टीचर ने कथित तौर से यह भी कहा कि उस मामले में निर्भया की गलती थी, लड़कों की नहीं. ऐसी लड़कियां अभिशाप होती हैं और उन्हें सजा दिया जाता है. छात्राओं ने शिकायत की है कि टीचर ने यह भी कहा- लड़की दिखा रही है मतलब लड़के समझते हैं कि वह चाह रही है. इसकी इच्छा है. इसका चालचलन खराब है. (प्रतीकात्मक फोटो)
                                                          Posted By..... Akash Dwivedi

No comments:

Post a Comment

loading...