Wednesday 28 March 2018

SC-ST एक्ट को लेकर SC के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर कर सकता है केंद्र


सुप्रीम कोर्ट द्वारा SC/ST एक्ट को लेकर दिए गए फैसले पर पुनर्विचार के लिए केंद्र सरकार याचिका दायर कर सकती है. सूत्रों की मानें तो कानून मंत्रालय ने सोशल जस्टिस मंत्रालय की याचिका को स्वीकार कर लिया है. गौरतलब है कि बुधवार को ही एनडीए के एससी/एसटी सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. सरकार अगले हफ्ते याचिका दायर कर सकती है.

क्या है सुप्रीम कोर्ट का फैसला?

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस एक्ट के तहत कानून का दुरुपयोग हो रहा है. कोर्ट ने इस एक्ट के तहत मामलों में तत्काल गिरफ्तारी ना किए जाने का आदेश दिया है. साथ ही इसके तहत दर्ज होने वाले केसों में अग्रिम जमानत को भी मजूंरी मिली है.
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस आदर्श गोयल और जस्टिस उदय उमेश ललित की पीठ ने अपने फैसले में कहा था कि SC/ST एक्ट के तहत तुरंत गिरफ्तारी नहीं होगी. गिरफ्तारी से पहले पुलिस अधीक्षक आरोपों की जांच करेंगे. इसके बाद ही कार्रवाई आगे बढ़ेगी.

कई राजनीतिक दल उठा चुके हैं सवाल!

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद राजनीतिक दलों में हलचल बढ़ गई है. इस मुद्दे को लेकर कई दलित सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की थी. एलजेपी के मुखिया और सांसद राम विलास पासवान, केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत, रामदास अठावले और उदित राज समेत कुल 18 सांसदों ने प्रधानमंत्री मोदी से मिलकर ये मुद्दा उठाया था. एनडीए के कुछ सहयोगी दल और दो केंद्रीय मंत्री इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जाने के लिए केंद्र सरकार से मांग कर चुके हैं.

क्रीमीलेयर पर भी सवाल!

सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी के आरक्षण से क्रीमीलेयर को बाहर करने की मांग को लेकर दायर याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है. शीर्ष कोर्ट ने इस मसले पर केंद्र को जवाब दाखिल करने के लिए चार हफ्ते का समय दिया है. हालांकि केंद्र ने कोर्ट के सामने अपनी दलील में कहा है कि एससी-एसटी की मौजूदा रिजर्वेशन पॉलिसी में क्रीमीलेयर का कोई कॉन्सेप्ट नहीं है.

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