अपने जीवन शैली, खानपान, चिकित्सीय सलाह एवं स्वास्थ के प्रति संवेदनशील व जागरूक होकर मधुमेह को नियंत्रित किया जा सकता है।
डायबिटीज आज दुनिया में बहुत तेज़ी से फ़ैल रही है। इसके लिए सभी को जागरूक होने की जरूरत है लेकिन विशेषकर महिलाएं मधुमेह के लक्षण और रोकथाम के तरीके तथा होने पर खुद तथा परिवार को बीमारी से बचाने व नियंत्रण करने में आगे आएं।
रोज़ एक्सरसाइज करने से हमारा मटैबलिज़म भी अच्छा रहता है जो की डायबिटीज के रिस्क को भी कम करता हहै। वेट मनेजमेंट यानी अपने शरीर को संतुलित रखना। अपने वजन को कंट्रोल में रखना बहुत जरुरी है क्योंकी डायबिटीज ज्यादातर मोटापे की वजह से ही होती है।
ट्रांस फैट शरीर में प्रोटीन को ग्रहण करने की छमता को कम करता है। जिसकी वजह से शरीर में इन्सुलिन की कमी हो जाती है। और हमारे शरीर में ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। ब्लड शुगर को नियंत्रित करे इसके लिए सफेद चावल, पास्ता, पॉपकॉर्न,राइस पफ और वाइट फ्लौर से बचें। मधुमेह के दौरान शरीर कार्बोहाइड्रेट्स को आसानी से पचा नहीं पाता जिससे से शुगर शरीर में तेज़ी से जमा होने लगती है।
फाइबर युक्त भोजन ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है। फाइबर युक्त भोजन लेने से ब्लड में शुगर की अधिक मात्रा को अब्ज़ोर्ब कर लेता है और इन्सुलिन को नार्मल करके मधुमेह को नियंत्रित करता है। धूम्रपान से बचे एवं धूम्रपान की आदत छोड़ देने से आपका स्वास्थ्य तो अच्छा रहेगा ही साथ ही डायबिटीज भी कंट्रोल रहेगी।
फलो का सेवन करे जो की आपकी मिनरल्स और विटामिन्स की कमी को पूरा करेंगे साथी आपकी शुगर को भी कंट्रोल करती है। इसके लिए सबसे अच्छा फल है केला।
ताज़ा सब्जियों में आयरन, जिंक, पोटेशियम, कैल्शियम और अन्य आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते है। जो हमारे शरीर को पोषक तत्व प्रदान करते है। जिसे हमारा हृदय और नर्वस सिस्टम भी स्वस्थ रहता है। इससे आपका शरीर आवश्यक इंसुलिन बनाता है।
थोड़े समय सूरज में बैठने से आपको अच्छी मात्रा में विटामिन डी मिलता है जो आपके शरीर में प्राकृतिक इन्सुलिन बनाता है, पर जरुरत से ज्यादा सूरज में रहने से आपको स्किन कैंसर भी हो सकता है। मधुमेह के रोगियों के लिए सोया प्रोटीन एक बहुत अच्छा खाद्य पदार्थ है। सोया में इसोफ़्लवोनेस पाया जाता है जो ब्लड में शुगर को कम करता है और आपके शरीर को भी स्वस्थ रखता है।
कैल्शियम युक्त भोजन या कैल्शियम के सप्लीमेंट ले तो हम काफी हद तक मधुमेह होने की संभावना कम कर सकते है। थोड़े-थोड़े अन्तराल में भोजन करने से पोषक तत्व ज्यादा अब्ज़ोर्ब होते है। और फैट शरीर में कम जमा होता है। जिसे इन्सुलिन नार्मल हो जाती है। लाल मांस में फोलिफेनोल्स पाया जाता है जो की ब्लड में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा देता है।
लाल मांस में जटिल प्रोटीन पाया जाता है, जो बहुत धीरे से पचता है इसलिए लाल मांस मेताबोलिसिम को धीमा करता है जिसकी वजह से इंसुलिन के बहाव पर असर पढ़ता है।
जिन लोगों को मधुमेह है उन्हें हाई प्रोटीन डाइट खानी चाहिए क्योंकी ये शरीर के एनर्जी लेवल को कंट्रोल करता है।
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