सहजन की फली को आयुर्वेद में 300 बीमारियों को दूर करने की कारगर दवा बताया गया है। हफ्ते में एक बार सहजन की फली खाना सेहत के लिए फायदेमंद है। इसमें मौजूद न्यूट्रिएंट्स कई बीमारियो से बचाते हैं। जिन लोगों को सहजन की फली खाना पसंद न हो, वे इसका सूप बनाकर पी सकते हैं।
सहजन को अस्सी प्रकार के दर्द व बहत्तर प्रकार के वायु विकारों का शमन करने वाला बताया गया है|सहजन की सब्जी खाने से गुर्दे और मूत्राशय की पथरी कटकर निकल जाती है.इसकी सब्जी खाने से पुराने गठिया, जोड़ों के दर्द, वायु संचय , वात रोगों में लाभ होता है.सहजन के बीज से पानी को काफी हद तक शुद्ध करके पेयजल के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसके बीज को चूर्ण के रूप में पीस कर पानी में मिलाया जाता है। पानी में घुल कर यह एक प्रभावी नेचुरल क्लैरीफिकेशन एजेंट बन जाता है। यह न सिर्फ पानी को बैक्टीरिया रहित बनाता है बल्कि यह पानी की सांद्रता को भी बढ़ाता है जिससे जीवविज्ञान के नजरिए से मानवीय उपभोग के लिए अधिक योग्य बन जाता है।
- सहजन फली का रस सुबह शाम पीने से उच्च रक्तचाप में लाभ होता है।
- सहजन के बीजों का तेल शिशुओं की मालिश के लिए प्रयोग किया जाता है।
- त्वचा साफ करने के लिए सहजन के बीजों का सत्व कॉस्मेटिक उद्योगों में बेहद लोकप्रिय है।
- सत्व के जरिए त्वचा की गहराई में छिपे विषैले तत्व बाहर निकाले जा सकते हैं।
- सहजन के बीजों का तेल शिशुओं की मालिश के लिए प्रयोग किया जाता है।
- त्वचा साफ करने के लिए सहजन के बीजों का सत्व कॉस्मेटिक उद्योगों में बेहद लोकप्रिय है।
- सत्व के जरिए त्वचा की गहराई में छिपे विषैले तत्व बाहर निकाले जा सकते हैं।
No comments:
Post a Comment